बलाक पिच्छ: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
मूल संघ की गुर्वावली के अनुसार आप आचार्य उमास्वामी के शिष्य थे । समन्तभद्र आचार्य के समकालीन तथा लोहाचार्य तृतीय के सहधर्मा थे । लोहाचार्य का नाम मूल नन्दिसंघ में आता है । पर इनका नाम उसी नन्दिसंघ के देशीय गण नं. 2 में आता है । अर्थात् ये देशीय गण नं. 2 के अग्रणी थे । समय - वि. 277-288 (ई. 220-231) विशेष देखें [[ इतिहास#7.1 | इतिहास - 7.1]],5 । | |||
<noinclude> | |||
[[ | [[ बलांक | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:ब]] | [[ बलात्कार गण | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ब]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
मूल संघ की गुर्वावली के अनुसार आप आचार्य उमास्वामी के शिष्य थे । समन्तभद्र आचार्य के समकालीन तथा लोहाचार्य तृतीय के सहधर्मा थे । लोहाचार्य का नाम मूल नन्दिसंघ में आता है । पर इनका नाम उसी नन्दिसंघ के देशीय गण नं. 2 में आता है । अर्थात् ये देशीय गण नं. 2 के अग्रणी थे । समय - वि. 277-288 (ई. 220-231) विशेष देखें इतिहास - 7.1,5 ।