बृहद्विधि: Difference between revisions
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Revision as of 16:29, 5 July 2020
ह.पु./३४/९२-९५ १. उपवास, १ ग्रास, २ ग्रास। इसी प्रकार एक ग्रास वृद्धि क्रम से सातवें दिन ७ ग्रास। आठ दिनों का यह क्रम ७ बार दोहराएँ। पीछे से अन्त में एक उपवास करें और अगले दिन पारणा। यह ‘सप्त सप्त’ तपो विधि हुई। इसी प्रकार अष्टम अष्टम, नवम नवम आदि रूप से द्वात्रिंशत् द्वात्रिंशत् (३२-३२) पर्यंत करना। जेतवीं तप विधि हो उतने ही ग्रास तक वृद्धि करे, और उतनी ही बार क्रम को दोहराये। इस प्रकार करते करते सप्तम सप्तम के (८×७)+१=५७ दिन; अष्टम अष्टम के (९×८)+१=७३ दिन; नवम नवम के (१०×९)+१=९१ दिन...द्वात्रिंशत्तम द्वात्रिंशत्तम के (३३×३२)+१=१०५७ दिन।