मंदरेंद्राभिषेक: Difference between revisions
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<p> श्रावक की त्रेपन क्रियाओं में चालीसवीं क्रिया । इसमें तीर्थंकर का जन्म होने पर इन्द्रों के द्वारा उनका मेरु पर्वत के उच्चतम शिखर पर क्षीरसागर के पवित्र जल से अभिषेक किया जाता है । महापुराण 38.61, 220-228</p> | <p> श्रावक की त्रेपन क्रियाओं में चालीसवीं क्रिया । इसमें तीर्थंकर का जन्म होने पर इन्द्रों के द्वारा उनका मेरु पर्वत के उच्चतम शिखर पर क्षीरसागर के पवित्र जल से अभिषेक किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 38.61, 220-228 </span></p> | ||
Revision as of 21:45, 5 July 2020
श्रावक की त्रेपन क्रियाओं में चालीसवीं क्रिया । इसमें तीर्थंकर का जन्म होने पर इन्द्रों के द्वारा उनका मेरु पर्वत के उच्चतम शिखर पर क्षीरसागर के पवित्र जल से अभिषेक किया जाता है । महापुराण 38.61, 220-228