मधुरा
From जैनकोष
- म.पु./५९/२०७-२१० कोशल देश के वृद्धग्राम में मृगायण नामक ब्राह्मण की त्री थी। मरकर पोदनपुर नगर के राजा की पुत्री रामदत्ता हुई। (यह मेरु गणधर का पूर्व का नवाँ भव है–देखें - मेरु )।
- दक्षिण द्रविड़ देश में वर्तमान मडुरा (मदुरा) नगर। (द्र.सं./प्र.१ जवाहरलाल शात्री)।