राध
From जैनकोष
स. सा./मू. व आ./३०४ संसिद्धिराधसिद्धं साधियमाराधियं च एयट्ठं।.....।३०४। परद्रव्यपरिहारेण शुद्धस्यात्मनः सिद्धिः साधनं वा राधः। संसिद्धि, राध (आराधना, प्रसन्नता, पूर्णता), सिद्ध, साधित और आराधित ये एकार्थवाची शब्द हैं।३०४। पर द्रव्य के परिहार से शुद्ध आत्मा की सिद्धि अथवा साधन सो राध है।