लोकाकाश: Difference between revisions
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<p> आकाश का वह भाग जिसमें धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, काल, | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> आकाश का वह भाग जिसमें धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, काल, पुद्गल और जीव ये पाँच द्रव्य पाये जाते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_7#7|हरिवंशपुराण - 7.7]] </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.132 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
आकाश का वह भाग जिसमें धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, काल, पुद्गल और जीव ये पाँच द्रव्य पाये जाते हैं । हरिवंशपुराण - 7.7 वीरवर्द्धमान चरित्र 16.132