सामान्यावलोकन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> षड्दर्शन समुच्चय/पृष्ठ 2/18 </span><span class="SanskritText"> दर्शनं शासनं सामान्यावबोधलक्षणम् ।</span>=<span class="HindiText">दर्शन सामान्यावबोध लक्षणवाला शासन है। (दर्शन शब्द ‘दृश’ देखना) धातु से करण अर्थ में ‘ल्युट्’ प्रत्यय लगाकर बना है। इसका अर्थ है जिसके द्वारा देखा जाये। अर्थात् जीवन व जीवन विकास का ज्ञान प्राप्त किया जाये। </span><br> | |||
<p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ दर्शन#1 | दर्शन - 1]]।</p> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 10: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: स]] | [[Category: स]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 14:58, 22 February 2024
षड्दर्शन समुच्चय/पृष्ठ 2/18 दर्शनं शासनं सामान्यावबोधलक्षणम् ।=दर्शन सामान्यावबोध लक्षणवाला शासन है। (दर्शन शब्द ‘दृश’ देखना) धातु से करण अर्थ में ‘ल्युट्’ प्रत्यय लगाकर बना है। इसका अर्थ है जिसके द्वारा देखा जाये। अर्थात् जीवन व जीवन विकास का ज्ञान प्राप्त किया जाये।
अधिक जानकारी के लिये देखें दर्शन - 1।