Dead-end pages
The following pages do not link to other pages in जैनकोष.
Showing below up to 100 results in range #151 to #250.
- काहे पाप करे काहे छल
- काहेको सोचत अति भारी, रे मन!
- कींपर करो जी गुमान
- कुमति कुनारि नहीं है भली रे
- कौन काम अब मैंने कीनों, लीनों सुर अवतार हो
- खेलौंगी होरी, आये चेतनराय
- गणित कक्षा - सारिकाजी
- गरव नहिं कीजै रे, ऐ नर
- गलतानमता कब आवैगा
- गहु सन्तोष सदा मन रे! जा सम और नहीं धन रे
- गाफिल हुवा कहाँ तू डोले, दिन जाते तेरे भरती में
- गिरिवनवासी मुनिराज
- गुणस्थान कक्षा - सारिकाजी
- गुरु कहत सीख इमि बार बार
- गोम्मटसार कर्मकांड - शिविर (2019)
- गोम्मटसार कर्मकांड पर प्रवचन
- गोम्मटसार जीवकांड - ऑनलाइन शिविर (2020)
- गोम्मटसार जीवकांड - शिविर (2016-18)
- गौतम स्वामीजी मोहि वानी तनक सुनाई
- घटमें परमातम ध्याइये हो, परम धरम धनहेत
- घड़ि-घड़ि पल-पल छिन-छिन निशदिन
- चन्द्रानन जिन चन्द्रनाथ के
- चरखा चलता नाहीं (रे) चरखा हुआ पुराना (वे)
- चारित्रपाहुड गाथा 1
- चारित्रपाहुड गाथा 10
- चारित्रपाहुड गाथा 11
- चारित्रपाहुड गाथा 13
- चारित्रपाहुड गाथा 14
- चारित्रपाहुड गाथा 15
- चारित्रपाहुड गाथा 16
- चारित्रपाहुड गाथा 17
- चारित्रपाहुड गाथा 18
- चारित्रपाहुड गाथा 19
- चारित्रपाहुड गाथा 20
- चारित्रपाहुड गाथा 21
- चारित्रपाहुड गाथा 22
- चारित्रपाहुड गाथा 23
- चारित्रपाहुड गाथा 24
- चारित्रपाहुड गाथा 25
- चारित्रपाहुड गाथा 26
- चारित्रपाहुड गाथा 27
- चारित्रपाहुड गाथा 28
- चारित्रपाहुड गाथा 29
- चारित्रपाहुड गाथा 3
- चारित्रपाहुड गाथा 30
- चारित्रपाहुड गाथा 31
- चारित्रपाहुड गाथा 32
- चारित्रपाहुड गाथा 33
- चारित्रपाहुड गाथा 34
- चारित्रपाहुड गाथा 35
- चारित्रपाहुड गाथा 36
- चारित्रपाहुड गाथा 37
- चारित्रपाहुड गाथा 38
- चारित्रपाहुड गाथा 39
- चारित्रपाहुड गाथा 4
- चारित्रपाहुड गाथा 40
- चारित्रपाहुड गाथा 41
- चारित्रपाहुड गाथा 42
- चारित्रपाहुड गाथा 43
- चारित्रपाहुड गाथा 44
- चारित्रपाहुड गाथा 45
- चारित्रपाहुड गाथा 5
- चारित्रपाहुड गाथा 6
- चारित्रपाहुड गाथा 7
- चारित्रपाहुड गाथा 8
- चारित्रपाहुड गाथा 9
- चाहत है सुख पै न गाहत है धर्म जीव
- चित चिंतकैं चिदेश कब
- चित्त! चेतनकी यह विरियां रे
- चिदरायगुन सुनो मुनो
- चिन्मूरत दृग्धारी की मोहे
- चेतन! तुम चेतो भाई, तीन जगत के नाथ
- चेतन! मान ले बात हमारी
- चेतन अब धरि सहजसमाधि
- चेतन कौन अनीति गही रे
- चेतन खेलै होरी
- चेतन तैं यौं ही भ्रम ठान्यो
- चेतन निज भ्रमतैं भ्रमत रहै
- चेतन प्राणी चेतिये हो,
- चेतन यह बुधि कौन सयानी
- चेतनजी! तुम जोरत हो धन, सो धन चलत नहीं तुम लार
- चौबीसौं को वंदना हमारी
- छांडत क्यौं नहिं रे
- छांडि दे या बुधि भोरी
- जग में जीवन थोरा, रे अज्ञानी जागि
- जग में श्रद्धानी जीव जीवन मुकत हैंगे
- जगत जन जूवा हारि चले
- जगत में सम्यक उत्तम भाई
- जगदानंदन जिन अभिनंदन
- जपि माला जिनवर नामकी
- जबतैं आनंदजननि दृष्टि परी माई
- जम आन अचानक दावैगा
- जय जय जग-भरम-तिमिर
- जय श्री ऋषभ जिनंदा! नाश तौ करो स्वामी मेरे दुखदंदा
- जयश्यामा
- जहाँ रागद्वेष से रहित निराकुल
- जाऊँ कहाँ तज शरन तिहारे
- जानके सुज्ञानी जैनवानी की सरधा लाइये
- जानत क्यों नहिं रे, हे नर आतमज्ञानी
- जानत क्यौं नहिं रे