Search results
Page title matches
- 2 KB (39 words) - 21:36, 6 December 2013
- 4 KB (49 words) - 21:26, 9 December 2013
- <p><strong>सम्मत्तसंजमासयदुण्हं पि उदेसियं चरणं ।।44।।</strong></p> ...8 KB (31 words) - 11:55, 17 May 2021
- <p><strong>उव्वसु होइ गएण फुडु सो परमप्प हवेइ ।।44।।</strong></p> ...57 KB (114 words) - 11:56, 17 May 2021
- <p><strong>पराऽप्रधृष्या परधर्षिणी च ।।44।।</strong></p> ...7 KB (54 words) - 08:03, 11 December 2021
- <p><strong>दव्वाणतियमधवा दव्वाभावं पकुव्वंति ।।44।।</strong></p> ...10 KB (51 words) - 16:35, 2 July 2021
- <p><strong>णिक्कामो णिक्कोहो णिम्माणो णिम्मदो अप्पा।।44।।</strong></p> ...64 KB (186 words) - 16:34, 2 July 2021
- <p><strong>अत्तावणेण जादो बाहुबली कित्तियं कालं ।꠰44।।</strong></p> ...18 KB (41 words) - 11:56, 17 May 2021
- <p><strong>दोदोसविप्पमुक्को परमप्पा झायए जोई ।।44।।</strong></p> ...34 KB (94 words) - 11:56, 17 May 2021
- तो रयणत्तयमज्झे सम्मगुणक्किट्ठमिदि जिणुद्दिट्ठं।।44।। ...5 KB (14 words) - 11:57, 17 May 2021
- <p><strong>केवलि जिणेहिं भणिया कह ते जीवो त्ति वुच्चंति ।।44।।</strong></p> <p> <strong>44. ज्ञानमात्र अंतस्तत्त्व बोध ...74 KB (142 words) - 11:57, 17 May 2021
- 7 KB (74 words) - 17:41, 2 November 2013
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - अर्थ}} ...1 KB (39 words) - 13:26, 30 June 2023
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - अर्थ}} ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - अर्थ}} ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - अर्थ}} ...2 KB (49 words) - 13:26, 30 June 2023
- ...<strong>णिक्‍कामो णिक्‍कोहो णिम्‍माणो णिम्‍मदो अप्‍पा।।44।।</strong></span></h2> ...69 KB (957 words) - 13:39, 17 April 2020
Page text matches
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - अर्थ}} ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - अर्थ}} ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - अर्थ}} ...2 KB (49 words) - 13:26, 30 June 2023
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44}} <span class="ParaStart">अर्थ: </span>{{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - अर्थ}} ...1 KB (39 words) - 13:26, 30 June 2023
- <td>[[ग्रन्थ:चारित्रपाहुड़ गाथा 44]]</td> ...4 KB (126 words) - 13:32, 29 August 2023
- <td>[[ग्रन्थ:बोधपाहुड़ गाथा 42-43-44]]</td> ...5 KB (163 words) - 13:34, 29 August 2023
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:पंचास्तिकाय - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...3 KB (50 words) - 16:33, 2 July 2021
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:परमात्मप्रकाश - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...4 KB (62 words) - 11:55, 17 May 2021
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...2 KB (36 words) - 16:33, 2 July 2021
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:समयसार - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...3 KB (58 words) - 11:55, 17 May 2021
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:चारित्रपाहुड - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...5 KB (92 words) - 11:55, 17 May 2021
- <td>[[ग्रन्थ:मोक्षपाहुड़ गाथा 44]]</td> ...9 KB (292 words) - 13:37, 29 August 2023
- {{वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 44 | नियमसार गाथा 44 }} ...2 KB (38 words) - 14:01, 17 April 2020
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:युक्त्यनुशासन - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...8 KB (130 words) - 11:55, 17 May 2021
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 44 | नियमसार गाथा 44 ]] ...8 KB (126 words) - 13:54, 17 April 2020
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षपाहुड - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...12 KB (214 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- ...1 KB (41 words) - 13:55, 23 April 2024
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44}} ...17 KB (530 words) - 13:08, 19 August 2021
- ...1 KB (39 words) - 13:26, 30 June 2023
- ...1 KB (39 words) - 13:26, 30 June 2023
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - अर्थ}} ...19 KB (704 words) - 13:08, 19 August 2021
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - समय-व्याख्या}} ...22 KB (828 words) - 13:08, 19 August 2021
- * [[ ग्रन्थ:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - समय-व्याख्या ]] ...25 KB (664 words) - 13:16, 30 June 2023
- [[ ग्रन्थ:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - समय-व्याख्या | पूर्व पृष्ठ ]] ...2 KB (49 words) - 13:26, 30 June 2023
- [[ ग्रन्थ:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - समय-व्याख्या | अगला पृष्ठ ]] ...2 KB (49 words) - 13:26, 30 June 2023
- * [[ ग्रन्थ:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - तात्पर्य-वृत्ति ]] ...27 KB (704 words) - 13:35, 30 June 2023
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - समय-व्याख्या - हिंदी}} ...25 KB (992 words) - 13:08, 19 August 2021
- {{GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 44 - तात्पर्य-वृत्ति - हिंदी}} ...28 KB (1,052 words) - 13:08, 19 August 2021
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...16 KB (316 words) - 11:55, 17 May 2021
- *[[ वर्णीजी-प्रवचन:भावपाहुड - गाथा 44 | गाथा 44 ]] ...18 KB (328 words) - 11:55, 17 May 2021
- * [[ ग्रन्थ:प्रवचनसार - गाथा 44 - तत्त्व-प्रदीपिका ]] ...33 KB (817 words) - 14:03, 23 April 2024
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - तत्त्व-प्रदीपिका}} ...28 KB (1,087 words) - 14:03, 23 April 2024
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - तत्त्व-प्रदीपिका - हिंदी}} ...33 KB (1,357 words) - 14:03, 23 April 2024
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44}} ...17 KB (617 words) - 14:03, 23 April 2024
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - अर्थ}} ...21 KB (922 words) - 13:55, 23 April 2024
- * [[ ग्रन्थ:प्रवचनसार - गाथा 44 - तात्पर्य-वृत्ति ]] ...36 KB (922 words) - 14:03, 23 April 2024
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - तात्पर्य-वृत्ति}} ...31 KB (1,227 words) - 14:03, 23 April 2024
- <p><span class="GRef">( धवला पुस्तक 6/1,9-23/44/3)</span></p> ...3 KB (67 words) - 22:15, 17 November 2023
- {{GP:प्रवचनसार - गाथा 44 - तात्पर्य-वृत्ति - हिंदी}} ...36 KB (1,532 words) - 14:03, 23 April 2024
- [[बोधपाहुड़ गाथा 42-43-44 | Previous Page]] ...2 KB (46 words) - 17:41, 2 November 2013
- ...उदित रहने पर तीर्थ की उत्पत्ति हुई।55-56। <span class="GRef">( धवला 9/4,1,44/ गाथा 29/120</span>), <span class="GRef">( कषायपाहु ...2 KB (32 words) - 14:53, 1 March 2024
- [[चारित्रपाहुड़ गाथा 44 | Next Page]] ...2 KB (40 words) - 21:36, 6 December 2013
- ...आदि हुई तभी तीर्थ की उत्पत्ति समझना चाहिए। <span class="GRef">( धवला 9/4,1,44/ गाथा 29/120)</span>, <span class="GRef">( कषायपाहु ...3 KB (35 words) - 22:35, 17 November 2023
- [[मोक्षपाहुड़ गाथा 44 | Previous Page]] ...3 KB (45 words) - 21:26, 9 December 2013
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:भावपाहुड - गाथा 44 | अगला पृष्ठ ]] ...3 KB (26 words) - 11:56, 17 May 2021
- [[मोक्षपाहुड़ गाथा 44 | Next Page]] ...3 KB (48 words) - 21:26, 9 December 2013
- ...्छिन्न क्रिया निवृत्ति ध्यान''' कहते हैं <span class="GRef"> (राजवार्तिक/9/44/1/635/11), (चारित्रसार/209/3) </span></span></p> ...3 KB (52 words) - 10:04, 20 February 2024
- [[चारित्रपाहुड़ गाथा 44 | Previous Page]] ...3 KB (46 words) - 21:36, 6 December 2013
- ...f">( बोधपाहुड़/ मूल/34)</span>; <span class="GRef">( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/44 )</span>; <span class="GRef">( सर्वार्थसिद्धि/8 ...6 KB (143 words) - 22:35, 17 November 2023
- ...6 KB (26 words) - 11:56, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:युक्त्यनुशासन - गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...5 KB (37 words) - 11:19, 11 December 2021
- ...9 KB (186 words) - 22:14, 17 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:चारित्रपाहुड - गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...6 KB (35 words) - 11:55, 17 May 2021
- <span class="GRef"> राजवार्तिक/हिंदी/9/44/758 </span><br /> ...13 KB (216 words) - 21:40, 11 December 2023
- <span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/9/44/456/8 </span><span class="SanskritText">ध्यात्वा पुन ...8 KB (155 words) - 15:25, 27 November 2023
- <p> <strong>(44) आत्मशील की उपासना से ही आत्म ...7 KB (37 words) - 11:57, 17 May 2021
- [[बोधपाहुड़ गाथा 42-43-44 | Next Page]] ...10 KB (63 words) - 17:40, 2 November 2013
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...9 KB (16 words) - 11:57, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:भावपाहुड - गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...9 KB (34 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...19 KB (366 words) - 14:39, 27 November 2023
- <span class="GRef">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 9/44/55</span> <p class="SanskritText">अर्थ ध्येयो द्र ...15 KB (396 words) - 14:39, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:चारित्रपाहुड - गाथा 44 | अगला पृष्ठ ]] ...10 KB (42 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...ीरणाकी स्वामित्व सन्निकर्ष व स्थान प्ररूपणा - देखें धवला पुस्तक संख्या 15/44-97</p> ...41 KB (840 words) - 14:40, 27 November 2023
- <span class="GRef">धवला पुस्तक 1/1,1,1/44/6</span> <p class="SanskritText">अतिशयपूजार्हत् ...29 KB (510 words) - 22:15, 17 November 2023
- | 3 || 1 || 3|| 17|| 9|| 3|| 18-6/11|| 20|| 3|| 8|| 44|| 2|| 13-5/7|| 100|| -|| -|| 250|| -|| -|| - ...40 KB (1,191 words) - 15:08, 26 February 2024
- ...आदि हुई तभी तीर्थ की उत्पत्ति समझना चाहिए। <span class="GRef">( धवला 9/4,1,44/ गाथा 29/120)</span>, <span class="GRef">( कषायपाहु ...38 KB (481 words) - 22:27, 17 November 2023
- ...-ममत्वतनुधनकलादिभि: शून्योऽहम् । इति शून्यध्यानयुक्त: न लिप्यते पुण्यपापेन।44। शुद्धात्मा तनुमात्र: ज्ञान ...्य हूँ इस प्रकार के शून्य ध्यान से युक्त योगी पुण्य पाप से लिप्त नहीं होता।44। ‘मैं शुद्धात्मा हूँ, शरीर ...58 KB (690 words) - 10:05, 1 August 2023
- ...24 KB (410 words) - 10:47, 17 February 2024
- <p> <strong>(44) उत्पन्न, सत् होकर चित्तक्षण ...20 KB (88 words) - 11:56, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षपाहुड - गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...16 KB (51 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...वींद्रियादारभ्य आ अयोगिकेवलिन: <span class="GRef">( षट्खंडागम 1/101/ सूत्र 44/175</span>)।’’ तस्मान्न चलनाचलन <span class="GRef"> धवला 1/1,1,44/276/1 </span><span class="SanskritText">स्थावरकर्मण: ...31 KB (526 words) - 16:56, 27 February 2024
- <span class="GRef"> कषायपाहुड़/1/1-1/44/616 </span><span class="PrakritText"> अकट्टिमत्तदो ...के होने पर कर्म का विनाश अवश्य होता है। <span class="GRef">( धवला 9/4, 1/44/117/9 )</span>।</span></li> ...45 KB (542 words) - 15:20, 27 November 2023
- ...्रियों का लिंग सावरण कहा गया है ।2 । <span class="GRef">(योगसार/अमितगति/8/44)</span> । <br /> ...27 KB (407 words) - 15:30, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:युक्त्यनुशासन - गाथा 44 | अगला पृष्ठ ]] ...21 KB (61 words) - 07:45, 11 December 2021
- ...13 KB (103 words) - 11:57, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:समयसार - गाथा 44 | अगला पृष्ठ ]] ...17 KB (52 words) - 11:57, 17 May 2021
- ...मुहूर्त मात्र शेष रहता है तब केवली समुद्घात करते हैं। ( सर्वार्थसिद्धि/9/44/457/1 ); ( धवला 13/5,4,26/84/1 ); ( क्षपणासार/62 ...51 KB (603 words) - 19:21, 14 October 2022
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षपाहुड - गाथा 44 | अगला पृष्ठ ]] ...17 KB (76 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...टीका 9 में उद्धृत)</span>, <span class="GRef">( अनगार धर्मामृत अधिकार 7/40/44)</span></p> ...39 KB (532 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...<td width="372" valign="top"><p><span class="HindiText">रुचकवर पर्वत के 44 कूट </span></p></td> ...91 KB (8,800 words) - 15:25, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 44 | अगला पृष्ठ ]] ...21 KB (22 words) - 11:57, 17 May 2021
- ...119 KB (1,908 words) - 20:40, 17 February 2024
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:पंचास्तिकाय - गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...22 KB (102 words) - 16:35, 2 July 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...36 KB (103 words) - 16:34, 2 July 2021
- <p> <strong>(44) प्रभु में विकृत कृत्य का अभा ...23 KB (62 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...प्रायोग्यता और करण ये पाँच लब्धि हैं। <span class="GRef"> (लब्धिसार/मूल/3/44), (गोम्मटसार जीवकांड/651/1100) </span><br / ...की प्राप्ति का नाम विशुद्धि लब्धि है। <span class="GRef"> (लब्धिसार/ मूल/5/44)</span><br /> ...72 KB (1,613 words) - 15:21, 27 November 2023
- ...और लोभ के भेद से चार प्रकार का है । <span class="GRef">( धवला 6/1,9-1,23/44/4 )</span> <span class="GRef">( गोम्मटसार जीवका ...47 KB (1,027 words) - 15:15, 27 November 2023
- ...महामात्य, वह बहुत प्रकार के प्रकीर्णक ऐसी अठारह प्रकार की श्रेणियाँ हैं।43-44। <span class="GRef">( धवला 1/1,1,1/ गाथा 39/57)</span>। ...37 KB (764 words) - 22:35, 17 November 2023
- ...ये दोनों ही अनुमान के अंग है, उदाहरण नहीं ॥37॥ न ही उपनय व निगमन अंग हैं ॥44॥ क्योंकि बाल व्युत्पत्ति के ...46 KB (788 words) - 14:37, 30 October 2022
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:नियमसार - नियमसार गाथा 44 | पूर्व पृष्ठ ]] ...38 KB (497 words) - 13:39, 17 April 2020
- ...25 KB (60 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...53 KB (707 words) - 22:36, 17 November 2023
- ...्वीपपण्णत्तिसंगहो/13/78-79 )</span> <span class="GRef">( द्रव्यसंग्रह टीका/44/188/2 )</span>।</span></p> ...100 KB (1,663 words) - 22:35, 17 November 2023
- ...सासादन सम्यग्दृष्टि कहा जाता है। <span class="GRef">( गोम्मटसार जीवकांड/19/44 )</span>; <span class="GRef">( लब्धिसार/ मूल/100/137) ...62 KB (1,076 words) - 09:39, 23 January 2024
- ...ass="GRef">( हरिवंशपुराण/7/1-161 )</span>; <span class="GRef">( धवला/9/4,1,44/109-113 )</span>; <span class="GRef">( महापुराण/22/77-312 ) ...41 KB (1,325 words) - 19:02, 29 November 2023
- <strong><span class="GRef"> धवला 9/4,1,44/118/8 </span></strong> <span class="PrakritText">ण च खीणावर ...40 KB (781 words) - 14:41, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:परमात्मप्रकाश - गाथा 44 | अगला पृष्ठ ]] ...30 KB (70 words) - 11:56, 17 May 2021