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- <p><strong>जं च महल्लाणि तदो महव्वया इत्तहे याइं ।।31।।</strong></p> ...10 KB (31 words) - 11:55, 17 May 2021
- <p><strong>अप्पा इंदिय विसउ णवि ललवणु एहु विसंतु ।।31।।</strong></p> ...37 KB (40 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...strong> आत्मांतरं स्याद्भिदुरं समं च स्याच्याऽनृतात्माऽनभिलाप्यता च ।।31।।</strong></p> ...5 KB (28 words) - 11:56, 17 May 2021
- <p><strong>देसेहिं असंखादा सिय लोगं सव्वमावण्णा ।।31।।</strong></p> ...30 KB (118 words) - 16:35, 2 July 2021
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- <p><strong>तीदो संखेज्जावलिहदसंठाणप्पमाणं तु।।31।।</strong></p> ...27 KB (87 words) - 16:34, 2 July 2021
- <p><strong>सम्मद्दंसणरयणं अग्घेदि सुरासुरे लोए ।। 31 ।।</strong></p> ...8 KB (41 words) - 11:55, 17 May 2021
- <p><strong>जाणइ तं सण्णाणं चरदिहं चारित्तमग्गो त्ति ।।31।।</strong></p> ...12 KB (36 words) - 11:56, 17 May 2021
- <p><strong>जो जग्गदि ववहारे सो सुत्तो अप्पणो कज्जे ꠰꠰31।।</strong></p> ...5 KB (30 words) - 11:56, 17 May 2021
- चित्तविणा वयगुणचारित्तं णिक्कारणं जाणे।।31।। ...10 KB (20 words) - 11:57, 17 May 2021
- <p><strong>दसपुव्वियस्स भावो यणु किं पुणु णिम्मलो जादो ।।31।।</strong></p> ...11 KB (41 words) - 11:57, 17 May 2021
- तं खलु जिदिंदियं ते भण्णदि जे णिच्छिदा साहु ।।31।। ...155 KB (187 words) - 16:35, 2 July 2021
- <p><strong>दव्वासवो स णेओ अणेयभेओ जिणक्खादो ।।31।।</strong></p> ...103 KB (940 words) - 11:55, 17 May 2021
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- ...रणादीणं जोग्गं जं पुग्गलं समासवदि। '''दव्वासवो''' स णेओ अणेयभेओ जिणक्खादो ॥31॥</p> ...्यास्रव''' जानना चाहिए। वह अनेक भेदों वाला है, ऐसा जिनेंद्र देव ने कहा है ॥31॥</p> ...2 KB (42 words) - 10:19, 9 August 2023
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- ...श्रावकाचार गाथा 300 (गुणभद्र श्रावकाचार/182),</br> सागार धर्मामृत अधिकार 7/31-34</p> ...11 KB (217 words) - 14:39, 27 November 2023
- ...ति दर्शनज्ञानयोः परिणतः नित्यम्। सः भण्यते अंतरात्मा लक्ष्यते ज्ञानवद्भिः ॥31॥ </p> ...13 KB (181 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...="GRef"> महापुराण 4.70, 195, 5.7, 16.257, 262, 23.60, 37. 174-175, 42.4-5, 31-32, 49-199, 62-208, 68.60-72, 384-445 </span></p> ...11 KB (207 words) - 15:21, 27 November 2023
- <p class="HindiText"><span class="GRef">(राजवार्तिक अध्याय 2/9/1/123/31)</span>, <span class="GRef">( धवला पुस्तक 13/5,5,29/207 <p class="HindiText"><span class="GRef">(राजवार्तिक अध्याय 2/9/1/123/31)</span>; <span class="GRef">( धवला पुस्तक 13/5,5,19/207 ...23 KB (602 words) - 08:45, 18 January 2024
- <p><strong>सम्मद्दंसणरयणं अग्घेदि सुरासुरे लोए ।। 31 ।।</strong></p> ...8 KB (41 words) - 11:55, 17 May 2021
- <p> <strong>(31) कलह करके आहार करने वाले मुनि ...8 KB (43 words) - 11:57, 17 May 2021
- ...<td width="378" valign="top"><p><span class="HindiText">(इसी प्रकार शेष 31 विजयार्ध) </span></p></td> ...91 KB (8,800 words) - 15:25, 27 November 2023
- <p class="HindiText"> <span class="GRef">(महापुराण सर्ग संख्या 21/31-36), (चारित्रसार पृष्ठ 167/4)</span></p> ...त्वार्थसूत्र अध्याय 9/31 </span><p class="SanskritText">विपरीतं मनोज्ञस्य ॥31॥</p> ...38 KB (742 words) - 14:40, 27 November 2023
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