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- <p><strong>सूक्ष्म वीरजवान निराबाध गुण सिद्ध के ।।63꠰꠰</strong></p> ...43 KB (85 words) - 11:56, 17 May 2021
- <p><strong> हितान्वेषोपायस्तव गुणकथासंगगदित: ।।63।।</strong></p> ...15 KB (52 words) - 11:56, 17 May 2021
- <p><strong>दिण्णं परेण भत्तं समभुत्ती एसधासमिदी।।63।।</strong></p> ...224 KB (549 words) - 16:34, 2 July 2021
- <p><strong>ते होंति भिन्नदेहा सिद्धा वचिगोयरमदीदा ।।63।।</strong></p> ...5 KB (26 words) - 11:56, 17 May 2021
- <p><strong>झायव्वो णियअप्पा णाऊणं गुरुपसाएण ꠰꠰63।।</strong></p> ...12 KB (50 words) - 11:56, 17 May 2021
- पच्छा सेवइ कम्मामयणा सण चरिय सम्मयेजज्जं।।63।।’’ ...15 KB (26 words) - 11:57, 17 May 2021
- <p><strong>तम्हा संसारत्था जीवा रूवित्तमावण्णा ।।63।।</strong></p> ...59 KB (122 words) - 11:58, 17 May 2021
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- ...ाधना / विजयोदया टीका/608/805/17 )</span>; <span class="GRef">( तत्त्वसार/2/63 )</span>।<br /> ...2 KB (38 words) - 22:21, 17 November 2023
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- ...ष्ठ 166/6); (प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / गाथा 196); (तत्त्वानुशासन श्लोक 63-64)</span></li> ...9 KB (111 words) - 22:16, 17 November 2023
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- <p> <strong>(63) स्वतंत्र स्वतंत्र स्वरूपास ...7 KB (30 words) - 11:55, 17 May 2021
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- <p> <strong>(63) आत्मशील का परिचय होने पर शील ...11 KB (41 words) - 11:57, 17 May 2021
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- [[ वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षपाहुड - गाथा 63 | पूर्व पृष्ठ ]] ...19 KB (46 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...होना चाहिए। उसे जानकर कहना उचित है। <span class="GRef">( कषायपाहुड़/1-1-/63/81/12 )</span>।<br /> ...38 KB (481 words) - 22:27, 17 November 2023
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- <td width="111" valign="top"><p><span class="HindiText">7/63</span></p></td> <td width="111" valign="top"><p><span class="HindiText">5/63</span></p></td> ...159 KB (13,397 words) - 15:15, 27 November 2023
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- ...गेण पवित्ती संवरणं कुणदि असुहजोगस्स। सुहजोगस्स णिरोहो सुद्धुवजोगेण संभवदि ॥63॥ सुद्धुपजोगेण पुणो धम्म सुक ...र होता है और केवल आत्मा के ध्यान रूप शुद्धोपयोग से शुभयोग का संवर होता है ॥63॥ इसके पश्चात् शुद्धोपयोग से ...161 KB (2,719 words) - 17:15, 18 February 2024
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