सद्भूत नय
From जैनकोष
आलापपद्धति/5 नयानां समीपा: उपनया:। सद्भूतव्यवहार: असद्भूतव्यवहार उपचरितासद्भूतव्यवहारश्चेत्युपनयस्त्रेधा। =जो नयों के समीप हों अर्थात् नय की भाँति ही ज्ञाता के अभिप्राय स्वरूप हों उन्हें उपनय कहते हैं, और वह उपनय सद्भूत, असद्भूत व उपचरित असद्भूत के भेद से तीन प्रकार का है।
अधिक जानकारी के लिये देखें नय V.4.8.1।