अतिदारुण: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक व्याध । यह छत्रपुर नगर के दारुण नामक व्याध और उसकी पत्नी मंगी का पुत्र था । इसने प्रियंगुखंड नाम के वन में प्रतिमायोग से तप करते हुए वज्रायुध मुनि को मार डाला था जिससे मरकर यह सातवें नरक में उत्पन्न हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 59.273-276 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.107-109 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक व्याध । यह छत्रपुर नगर के दारुण नामक व्याध और उसकी पत्नी मंगी का पुत्र था । इसने प्रियंगुखंड नाम के वन में प्रतिमायोग से तप करते हुए वज्रायुध मुनि को मार डाला था जिससे मरकर यह सातवें नरक में उत्पन्न हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 59.273-276 </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#107|हरिवंशपुराण - 27.107-109]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
एक व्याध । यह छत्रपुर नगर के दारुण नामक व्याध और उसकी पत्नी मंगी का पुत्र था । इसने प्रियंगुखंड नाम के वन में प्रतिमायोग से तप करते हुए वज्रायुध मुनि को मार डाला था जिससे मरकर यह सातवें नरक में उत्पन्न हुआ था । महापुराण 59.273-276 हरिवंशपुराण - 27.107-109