अष्टाष्टम: Difference between revisions
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<p> सप्त सप्तम के समान एक व्रत । इसमें प्रथम दिन उपवास करके उसके बाद अनुक्रम से एक-एक ग्रास बढ़ाते हुए और नवें दिन से आठ ग्रास घटाते हुए अंतिम दिन उपवास किया जाता है । इस व्रत में यह क्रिया आठ बार की जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.93-94 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सप्त-सप्तम के समान एक व्रत । इसमें प्रथम दिन उपवास करके उसके बाद अनुक्रम से एक-एक ग्रास बढ़ाते हुए और नवें दिन से आठ ग्रास घटाते हुए अंतिम दिन उपवास किया जाता है । इस व्रत में यह क्रिया आठ बार की जाती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#93|हरिवंशपुराण - 34.93-94]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सप्त-सप्तम के समान एक व्रत । इसमें प्रथम दिन उपवास करके उसके बाद अनुक्रम से एक-एक ग्रास बढ़ाते हुए और नवें दिन से आठ ग्रास घटाते हुए अंतिम दिन उपवास किया जाता है । इस व्रत में यह क्रिया आठ बार की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.93-94