आनंदिनी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(6 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <div class="HindiText"> एक महाभेरी । भरतेश की इस नाम की बारह भेरियां थी । इनकी ध्वनि बारह योजन दूर तक फैलती थी । <span class="GRef"> महापुराण 37.182 </span> | ||
<div class="HindiText">इसी नाम की इतनी ही भेरियाँ अरनाथ तीर्थंकर के यहाँ भी थी । <span class="GRef"> पांडवपुराण 7.23 </span> | |||
<div class="HindiText">नगर वासियों को युद्ध की सूचना देने के लिए इनका प्रयोग होता था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_40#19|हरिवंशपुराण - 40.19]] </span> | |||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 12: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: आ]] | [[Category: आ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
एक महाभेरी । भरतेश की इस नाम की बारह भेरियां थी । इनकी ध्वनि बारह योजन दूर तक फैलती थी । महापुराण 37.182
इसी नाम की इतनी ही भेरियाँ अरनाथ तीर्थंकर के यहाँ भी थी । पांडवपुराण 7.23
नगर वासियों को युद्ध की सूचना देने के लिए इनका प्रयोग होता था । हरिवंशपुराण - 40.19