ईर्यासिमिति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> समितियों मे प्रथम समिति । इसमें नेत्र-गोचर जीवों के समूह को बचाकर गमन किया जाता है । यह मुनियों का धर्म है । सूर्योदय होने पर जंतुओं द्वारा मर्दित मार्ग में चार हाथ आगे भूमि</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> समितियों मे प्रथम समिति । इसमें नेत्र-गोचर जीवों के समूह को बचाकर गमन किया जाता है । यह मुनियों का धर्म है । सूर्योदय होने पर जंतुओं द्वारा मर्दित मार्ग में चार हाथ आगे भूमि</p> | ||
<p>देखकर गमन करते हुए वे इसका पालन करते हैं । <span class="GRef"> पद्मपुराण 14.108 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.122 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 9.91 </span></p> | <p>देखकर गमन करते हुए वे इसका पालन करते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_14#108|पद्मपुराण - 14.108]] </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#122|हरिवंशपुराण - 2.122]] </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 9.91 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 11: | Line 11: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ई]] | [[Category: ई]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
समितियों मे प्रथम समिति । इसमें नेत्र-गोचर जीवों के समूह को बचाकर गमन किया जाता है । यह मुनियों का धर्म है । सूर्योदय होने पर जंतुओं द्वारा मर्दित मार्ग में चार हाथ आगे भूमि
देखकर गमन करते हुए वे इसका पालन करते हैं । पद्मपुराण - 14.108 हरिवंशपुराण - 2.122 पांडवपुराण 9.91