नांदी: Difference between revisions
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<p id="2">(2) नाटक के आदि में गेय एक मंगल गान । इसके पश्चात् ही नाटक के पात्र रंगभूमि में प्रवेश करते हैं । महापुराण 14.107</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) नाटक के आदि में गेय एक मंगल गान । इसके पश्चात् ही नाटक के पात्र रंगभूमि में प्रवेश करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 14.107 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
(1) छठा बलभद्र । हरिवंशपुराण - 60.290
(2) नाटक के आदि में गेय एक मंगल गान । इसके पश्चात् ही नाटक के पात्र रंगभूमि में प्रवेश करते हैं । महापुराण 14.107