प्रियकारिणी: Difference between revisions
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) वैशाली के राजा चेटक और उसकी रानी सुभद्रा की सात पुत्रियों में सबसे बड़ी पुत्री । यह भरतक्षेत्र में विदेह देश के कुंडपुर नगर के राजा सिद्धार्थ की रानी थी । गर्भ धारण करते समय इसने सोलह स्वप्न देखे और मास पूर्ण होने पर चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन अर्यमा योग में चौबीसवें तीर्थंकर महावीर को जन्म दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 74.251-276, 75.3-7, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20.36, 60, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2. 15-21, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1.78-85, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 7.59-69, 8.59-60 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) वैशाली के राजा चेटक और उसकी रानी सुभद्रा की सात पुत्रियों में सबसे बड़ी पुत्री । यह भरतक्षेत्र में विदेह देश के कुंडपुर नगर के राजा सिद्धार्थ की रानी थी । गर्भ धारण करते समय इसने सोलह स्वप्न देखे और मास पूर्ण होने पर चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन अर्यमा योग में चौबीसवें तीर्थंकर महावीर को जन्म दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 74.251-276, 75.3-7, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#36|पद्मपुराण - 20.36]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#60|पद्मपुराण - 20.60]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#15|हरिवंशपुराण - 2.15-21]], </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1.78-85, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 7.59-69, 8.59-60 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पृथिवीतिलकपुर के राजा अतिवेग की रानी । इसकी पुत्री वज्रायुध की रानी रत्नमाला थी । <span class="GRef"> महापुराण 59.241-242 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) पृथिवीतिलकपुर के राजा अतिवेग की रानी । इसकी पुत्री वज्रायुध की रानी रत्नमाला थी । <span class="GRef"> महापुराण 59.241-242 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
भगवान् महावीर की माता -देखें तीर्थंकर - 2.7
पुराणकोष से
(1) वैशाली के राजा चेटक और उसकी रानी सुभद्रा की सात पुत्रियों में सबसे बड़ी पुत्री । यह भरतक्षेत्र में विदेह देश के कुंडपुर नगर के राजा सिद्धार्थ की रानी थी । गर्भ धारण करते समय इसने सोलह स्वप्न देखे और मास पूर्ण होने पर चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन अर्यमा योग में चौबीसवें तीर्थंकर महावीर को जन्म दिया था । महापुराण 74.251-276, 75.3-7, पद्मपुराण - 20.36,पद्मपुराण - 20.60, हरिवंशपुराण - 2.15-21, पांडवपुराण 1.78-85, वीरवर्द्धमान चरित्र 7.59-69, 8.59-60
(2) पृथिवीतिलकपुर के राजा अतिवेग की रानी । इसकी पुत्री वज्रायुध की रानी रत्नमाला थी । महापुराण 59.241-242