यशोविजय: Difference between revisions
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Revision as of 23:25, 5 October 2014
श्वेताम्बर तथा गच्छ के प्रसिद्ध उपाध्याय हुए हैं। गुरु परम्परा−बादशाह अकबर के प्रतिबोधक हरिविजय, कल्याणविजय, लाभविजय, यशोविजय। आपने दिगम्बर मान्य निश्चय नय की घोर भर्त्सना की है, परन्तु अपनी रचनाओं में समयसार का खूब अनुसरण किया है। कृतियाँ−अध्यात्मसार, अध्यात्योपनिषद, आध्यात्मिक मत खण्डन, नय रहस्य, नय प्रदीप, नयोपदेश, जैन तर्क परिभाषा, ज्ञान बिन्दु, शास्त्रवार्ता समुच्चय टीका, देवधर्म परीक्षा, यतिलक्षण समुच्चय, गुरुतत्त्व विनिश्चय, अष्टसहस्री विवरण, स्याद्वाद मंजरी की वृत्ति स्याद्वाद् मंजूषा, जय विलास (भाषापद संग्रह), दिग्पट चौरासी (दिगम्बराम्नाय की मान्यताओं पर आक्षेप) इत्यादि अनेकों ग्रन्थ आपने रचे हैं। समय–ई. १६३८-१६८८। (जै./२/२०४-२०५)।