रविवार व्रत: Difference between revisions
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Revision as of 23:25, 5 October 2014
आषाढ़ शुक्ल पक्ष के अन्तिम रविवार से प्रारम्भ होता है । आगे श्रावण व भाद्रपद के आठ रविवार । इस प्रकार ९ वर्ष तक प्रतिवर्ष इन ९ रविवारों का उपवास करे । यदि थोड़े समय में करना है तो आषाढ़ के अन्तिम रविवार से लेकर अगले आषाढ़ के अन्तिम रविवार तक एक वर्ष के ४८ रविवारों के उपवास करे । नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप करे । (व्रत - विधान सं./४४)।