पंचश्रुतज्ञानव्रत: Difference between revisions
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Latest revision as of 17:20, 27 February 2015
एक उपवास एक पारणाक्रम से १६८ उपवास पूरे करें। ‘ओं ह्रीं पञ्चश्रुतज्ञानाय नमः’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप करें। (व्रतविधान संग्रह/७२) (वर्धमान पु./....)।