पद्मप्रभ: Difference between revisions
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Revision as of 17:20, 27 February 2015
म. पु./52 श्लोवक धातकीखण्डर के पूर्वविदेह में वत्सहका देश की सुसीमानगरी के अपराजित राजा थे (2-3)। फिर उपरिम ग्रैवेयक के प्रीतिंकरविमान में अहमिन्द्रे हुए (12-14)। वर्तमान भव में छठे तीर्थंकर हुए हैं। विशेष परिचय—दे0तीर्थंकर/5।