पुरुषार्थ नय: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(No difference)
|
Revision as of 19:20, 27 February 2015
प्र.सा./आ./परि.नय नं. ३२ पुरुषाकारनयेन पुरुषाकारोपलब्धमधुकुक्कुटीकपुरुषकारवादीवद्यत्न-साध्यसिद्धिः। ३२। = आत्मद्रव्यपुरुषकार नय से जिसकी सिद्धि यत्न साध्य है, जिसे पुरुषकार से नींबू का वृक्ष प्राप्त होता है ऐसे पुरुषाकारवादी की भाँति।