लोकचंद: Difference between revisions
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नन्दीसंघ बलात्कारगण की गुर्वावली के अनुसार आप कुमारनन्दी के शिष्य तथा प्रभाचन्द्र नं. १ के गुरु थे । समय-विक्रम शक सं. ४२७-४५३ (ई. ५०५-५३१) देखें - इतिहास / ७ / २ ।