हस्तकर्म: Difference between revisions
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Revision as of 14:20, 6 January 2016
भ.आ./वि.६१३/८१२/६
छेदनं भेदनं, पेषणमभिधातो, व्यधनं, खननं, बन्धनं, स्फाटनं, प्रक्षालनं, रञ्जनं, वेष्टनं, ग्रन्थनं, पूरणं, समुदायकरणं, लेपनं, क्षेपणं आलेखनमित्यादि संक्लिष्ट हस्तकर्म। =छेदन करना, भेदन करना, पीसना, आघात करना, चुभना, खोदना, बाँधना, फाड़ना, धोना, रँगाना, वेष्टन करना, गूँथना, पूर्ण करना, एकत्र करना, लेपन करना, फेंकना, चित्र बनाना आदि कार्य को संक्लिष्ट हस्तकर्म कहते हैं।