षड्रसी-व्रत: Difference between revisions
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Revision as of 15:15, 25 April 2016
उत्कृष्ट २४ वर्ष, मध्यम १२ वर्ष व जघन्य १ वर्ष में ज्येष्ठ कृ.१ से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक - कृ.१ को उपवास, २-१५ तक एकाशन; शु.१ को उपवास, २-१५ तक एकाशन करे। 'ओं ह्रीं श्री वृषभजिनाय नम:' इस मन्त्र का त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./४३)।