संचेतन: Difference between revisions
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Revision as of 15:15, 25 April 2016
स.सा./आ./क.२२४ पं.जयचन्द - किसी के प्रति एकाग्र होकर उसका ही अनुभव रूप स्वाद लिया करना उसका संचेतन कहलाता है।
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स.सा./आ./क.२२४ पं.जयचन्द - किसी के प्रति एकाग्र होकर उसका ही अनुभव रूप स्वाद लिया करना उसका संचेतन कहलाता है।