अग्निल: Difference between revisions
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Revision as of 17:21, 27 April 2020
काल के अन्त में होने वाला अन्तिम श्रावक । यह अयोध्या का निवासी होगा और इस काल के साढ़े आठ मास शेष रहने पर कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन प्रात: बेला में स्वाति नक्षत्र के उदयकाल में शरीर त्याग कर स्वर्ग में देव होगा । महापुराण 76.432-436