अग्रनिर्वृति: Difference between revisions
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Revision as of 17:21, 27 April 2020
गर्भ से लेकर निर्वाण पर्यन्त की तिरेपन गर्भान्वय क्रियाओं में अन्तिम क्रिया । यह योगों का निरोध और घाति कर्मों का विनाश करके स्वभाव से होने वाली भगवान् की ऊर्ध्वगमन क्रिया है । महापुराण 38.62, 308-309