अनुयोगद्वार: Difference between revisions
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Revision as of 17:44, 6 May 2020
जीवतत्त्व के अन्वेषण के द्वार । ये आठ होते हैं― सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, भाव अन्तर और अल्पबहुत्व । महापुराण 24.96-98, हरिवंशपुराण 2.108