तुंगीगिरि: Difference between revisions
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Revision as of 17:13, 12 May 2020
एक पर्वत । यहाँ जरत्कुमार तथा पाण्डवों के साथ बलदेव ने कृष्ण का दाह-संस्कार किया था । जरत्कुमार ने राज्य और परिग्रह के त्याग का निश्चय इसी पर्वत पर किया था तथा यही मुनिदीक्षा ली थी । हरिवंशपुराण 63.72-74, पांडवपुराण 22.29