भरतकूट: Difference between revisions
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Revision as of 15:06, 13 May 2020
प्रथम जम्बूद्वीप में हिमवत् कुचालक के ग्यारह कूटों में तीसरा कूट । यह मूल में पच्चीस योजन, मध्य में पौने उन्नीस योजन और ऊपर साढ़े बारह योजन विस्तार से युक्त है । हरिवंशपुराण 5.53-56