मिथ्यात्वप्रकृति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 15:08, 13 May 2020
अतत्त्व श्रद्धान उत्पन्न कराने वाला कर्म । आसन्नभव्य जीव पाँच देशना आदि लब्धियों से युक्त होता हुआ तीन करणों-अध:करण, अपूर्वकरण और अनिवृत्तिकरण के द्वारा सम्यग्दृष्टि होता है । महापुराण 9. 120