वनदेवता: Difference between revisions
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Revision as of 15:11, 13 May 2020
वन के रक्षक देव । इन्हीं देवों ने वृषभदेव के साथ दीक्षित हुए साधुओं को तप से भ्रष्ट होने पर अपने हाथ से वन्य फल खाते और जल पीते देखकर उन्हें रोका था । महापुराण 18.59-54