शक्तितस्त्याग: Difference between revisions
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Revision as of 15:13, 13 May 2020
तीर्थंकर प्रकृतिबंध की सोलहकारण भावनाओं में एक भावना । शक्ति के अनुसार पात्रों को आहारदान, औषधिदान, अभयदान और ज्ञानदान देना शक्तितस्त्याग-भावना है । हरिवंशपुराण 34.137