स्त्यानगृद्धि: Difference between revisions
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Revision as of 15:17, 13 May 2020
दर्शनावरण कर्म की उत्तर प्रकृतियों में एक प्रकृति इसके उदय से जीव जागकर और असाधारण कार्य करके पुन: सो जाता है । वृषभदेव ने इसका नाश किया था । महापुराण 257 देखें दर्शनावरण