उटि्टंटिकारी: Difference between revisions
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
सुकान्त और रतिवेगा का बैरी । कबूतर-कबूतरी की पर्याय में उत्पन्न हुए सुकान्त और रतिवेगा को इसने मार्जार होकर खाया भी था तथा सुकान्त और रतिवेगा के हिरण्यवर्मा और प्रभावती नाम से विद्याधर पर्याय में जन्मने पर इसने विद्युद्वेग नामक चोर के रूप में जन्म लेकर उन्हें अग्नि में जलाया था । हरिवंशपुराण 12. 18-21