पद्धति टीका: Difference between revisions
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Latest revision as of 21:43, 5 July 2020
इन्द्रनन्दी कृत श्रुतावतार के कथनानुसार आचार्य शामकुण्ड ने ‘कषायपाहुड’ तथा ‘षट्खण्डागम’ के आद्य पांच खण्डों पर ‘पद्धति’ नामक एक टीका लिखी थी, जिसकी भाषा संस्कृत तथा प्राकृत का मिश्रण थी, परन्तु शामकुण्ड क्योंकि कुन्द कुन्द का ही कोई बिगड़ा हुआ नाम प्रतीत होता है, इसलिए कुछ विद्वानों का ऐसा अनुमान है कि आचार्य कुन्द-कुन्द कृत ‘परिकर्म टीका’ का ही यह कोई अपर नाम है । (जै./1/274) ।