प्राणातिपातिकीक्रिया: Difference between revisions
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<p> एक आध्यात्मिक क्रिया । यह साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में एक क्रिया है । इससे प्राणों का वियोग होता है । हरिवंशपुराण 58. 68</p> | <p> एक आध्यात्मिक क्रिया । यह साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में एक क्रिया है । इससे प्राणों का वियोग होता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58. 68 </span></p> | ||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
एक आध्यात्मिक क्रिया । यह साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में एक क्रिया है । इससे प्राणों का वियोग होता है । हरिवंशपुराण 58. 68