श्वेतपंचमीव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText">आषाढ़, कार्तिक व फाल्गुन, तीनों में से किसी भी मास में प्रारम्भ करके | <span class="HindiText">आषाढ़, कार्तिक व फाल्गुन, तीनों में से किसी भी मास में प्रारम्भ करके 65 महीनों तक बराबर प्रत्येक मास शु.5 को उपवास करे। तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप करे। (वसुनन्दि श्रावकाचार/353-362), (धर्मपरीक्षा/20/14), (व्रत-विधान संग्रह/पृ.88)।</span> | ||
[[श्वेतकेतु | | <noinclude> | ||
[[ श्वेतकेतु | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:श]] | [[ श्वेतराम | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: श]] |
Revision as of 21:48, 5 July 2020
आषाढ़, कार्तिक व फाल्गुन, तीनों में से किसी भी मास में प्रारम्भ करके 65 महीनों तक बराबर प्रत्येक मास शु.5 को उपवास करे। तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप करे। (वसुनन्दि श्रावकाचार/353-362), (धर्मपरीक्षा/20/14), (व्रत-विधान संग्रह/पृ.88)।