कृष्टिकरण: Difference between revisions
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<p> संज्वलन-चतुष्क की कषायों का उपसंहार कर उनके सूक्ष्म सूक्ष्म | <p> संज्वलन-चतुष्क की कषायों का उपसंहार कर उनके सूक्ष्म सूक्ष्म खंड करना । यह अनिवृत्तिकरण नामक गुणस्थान में पूर्ण किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 20. 259 </span></p> | ||
Revision as of 16:21, 19 August 2020
संज्वलन-चतुष्क की कषायों का उपसंहार कर उनके सूक्ष्म सूक्ष्म खंड करना । यह अनिवृत्तिकरण नामक गुणस्थान में पूर्ण किया जाता है । महापुराण 20. 259