जिनरात्रि व्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
14 वर्ष | 14 वर्ष पर्यंत प्रत्येक वर्ष फाल्गुन कृ.14 को उपवास करे। रात्रि को जागरण करे। पहर-पहर में जिनदर्शन करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। (वर्द्धमान पुराण), (व्रतविधान संग्रह/पृ.91)। | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:23, 19 August 2020
14 वर्ष पर्यंत प्रत्येक वर्ष फाल्गुन कृ.14 को उपवास करे। रात्रि को जागरण करे। पहर-पहर में जिनदर्शन करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। (वर्द्धमान पुराण), (व्रतविधान संग्रह/पृ.91)।