जीविताशंसा: Difference between revisions
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Revision as of 16:53, 14 November 2020
सल्लेखना के पाँच अतिचारों में प्रथम अतिचार यह सल्लेखना ले लेने के बाद अधिक समय तक जीवित रहने की आकांक्षा से होती है । हरिवंशपुराण 58.184