अवगाह: Difference between revisions
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<p class="SanskritText">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/18/284 जीवपुद्गलादीनामवगाहिनामवकाशदानमवगाह आकाशस्योपकारो वेदितव्यः।</p> | <p class="SanskritText">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/18/284 जीवपुद्गलादीनामवगाहिनामवकाशदानमवगाह आकाशस्योपकारो वेदितव्यः।</p> | ||
<p class="HindiText">= अवगाह करनेवाले जीव और पुद्गलों को अवकाश देना अवकाश देना आकाश का उपकार जानना चाहिए। </p> | <p class="HindiText">= अवगाह करनेवाले जीव और पुद्गलों को अवकाश देना अवकाश देना आकाश का उपकार जानना चाहिए। </p> | ||
<p>( गोम्मट्टसार जीवकांड / गोम्मट्टसार जीवकांड | <p>( गोम्मट्टसार जीवकांड / गोम्मट्टसार जीवकांड जीव तत्त्व प्रदीपिका| जीव तत्त्व प्रदीपिका टीका गाथा 605/1060/3)</p> | ||
Revision as of 15:30, 10 September 2022
Depth (गहराई)।
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/18/284 जीवपुद्गलादीनामवगाहिनामवकाशदानमवगाह आकाशस्योपकारो वेदितव्यः।
= अवगाह करनेवाले जीव और पुद्गलों को अवकाश देना अवकाश देना आकाश का उपकार जानना चाहिए।
( गोम्मट्टसार जीवकांड / गोम्मट्टसार जीवकांड जीव तत्त्व प्रदीपिका| जीव तत्त्व प्रदीपिका टीका गाथा 605/1060/3)