भारामल्ल: Difference between revisions
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<li> परशुराम के पुत्र थे। पहले फरूखाबाद और पीछे भिंड रहे थे। ये वास्तव में एक कवि नहीं तुकबंद थे। इन्होंने सोमकीर्ति के संस्कृत चारुदत्त चरित्र के आधार पर हिंदी चौपाई दोहा छंद में चारुदत्त चरित्र रचा, इसके अतिरिक्त शीलकथा, दर्शनकथा, निशिभोजन कथा भी रची। समय–वि. 1813। (हि. जैन साहित्य इतिहास इ./218 कामता), (चारुदत्त चरित्र/प्र./परमेष्ठीदास)।</li> | <li> परशुराम के पुत्र थे। पहले फरूखाबाद और पीछे भिंड रहे थे। ये वास्तव में एक कवि नहीं तुकबंद थे। इन्होंने सोमकीर्ति के संस्कृत चारुदत्त चरित्र के आधार पर हिंदी चौपाई दोहा छंद में चारुदत्त चरित्र रचा, इसके अतिरिक्त शीलकथा, दर्शनकथा, निशिभोजन कथा भी रची। समय–वि. 1813। (हि.<span class="GRef"> जैन साहित्य इतिहास </span>इ./218 कामता), (चारुदत्त चरित्र/प्र./परमेष्ठीदास)।</li> | ||
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Latest revision as of 07:32, 14 September 2022
- नागौर का राजा। कोट्यधीशधनकुबेर इसकी उपाधि थी। समय–इ. श. 16 (हि. जैन साहित्य इतिहास इ./36 कामता)।
- परशुराम के पुत्र थे। पहले फरूखाबाद और पीछे भिंड रहे थे। ये वास्तव में एक कवि नहीं तुकबंद थे। इन्होंने सोमकीर्ति के संस्कृत चारुदत्त चरित्र के आधार पर हिंदी चौपाई दोहा छंद में चारुदत्त चरित्र रचा, इसके अतिरिक्त शीलकथा, दर्शनकथा, निशिभोजन कथा भी रची। समय–वि. 1813। (हि. जैन साहित्य इतिहास इ./218 कामता), (चारुदत्त चरित्र/प्र./परमेष्ठीदास)।