गोविंद: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
RoshanJain (talk | contribs) mNo edit summary |
||
(9 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> | <li> कृष्णराज प्रथम का ही दूसरा नाम गोविंद प्रथम था–देखें [[ कृष्णराज प्रथम ]]। </li> | ||
<li>राजा | <li>राजा कृष्णराज प्रथम का पुत्र ‘श्री वल्लभ’ गोविंद द्वि.प्रसिद्ध हुआ–देखें [[ श्री वल्लभ ]]। </li> | ||
<li> | <li>गोविंद द्वि.के राज्य पर अधिकार कर लेने के कारण राजा अमोघवर्ष के पिता जगतुंग को गोविंद तृ.’जगतुंग’ कहते हैं। (देखें [[ जगतुंग ]])। </li> | ||
<li>शंकराचार्य के गुरु। समय–ई. | <li>शंकराचार्य के गुरु। समय–ई.780–देखें [[ वेदांत ]]। </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ गोवर्धन | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:ग]] | [[ गोशाल | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ग]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 17:00, 6 August 2022
- कृष्णराज प्रथम का ही दूसरा नाम गोविंद प्रथम था–देखें कृष्णराज प्रथम ।
- राजा कृष्णराज प्रथम का पुत्र ‘श्री वल्लभ’ गोविंद द्वि.प्रसिद्ध हुआ–देखें श्री वल्लभ ।
- गोविंद द्वि.के राज्य पर अधिकार कर लेने के कारण राजा अमोघवर्ष के पिता जगतुंग को गोविंद तृ.’जगतुंग’ कहते हैं। (देखें जगतुंग )।
- शंकराचार्य के गुरु। समय–ई.780–देखें वेदांत ।