राध: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> | <p><span class="GRef"> समयसार व आत्मख्याति/304</span> <span class="SanskritText">संसिद्धिराधसिद्धं साधियमाराधियं च एयट्ठं।.....।304। परद्रव्यपरिहारेण शुद्धस्यात्मनः सिद्धिः साधनं वा राधः। </span><span class="HindiText">संसिद्धि, राध (आराधना, प्रसन्नता, पूर्णता), सिद्ध, साधित और आराधित ये एकार्थवाची शब्द हैं।304। पर द्रव्य के परिहार से शुद्ध आत्मा की सिद्धि अथवा साधन सो राध है। </span></p> | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ रात्रिषेणा | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:र]] | [[ राधा | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: र]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 09:00, 17 August 2023
समयसार व आत्मख्याति/304 संसिद्धिराधसिद्धं साधियमाराधियं च एयट्ठं।.....।304। परद्रव्यपरिहारेण शुद्धस्यात्मनः सिद्धिः साधनं वा राधः। संसिद्धि, राध (आराधना, प्रसन्नता, पूर्णता), सिद्ध, साधित और आराधित ये एकार्थवाची शब्द हैं।304। पर द्रव्य के परिहार से शुद्ध आत्मा की सिद्धि अथवा साधन सो राध है।