द्वात्रिंशतिका: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> श्वेतांबराचार्य सिद्धसेन दिवाकर (वि.श.7-8) द्वारा विरचित अध्यात्म भावना पूर्ण 32 श्लोक प्रमाण एक रचना। </li> | <li> श्वेतांबराचार्य सिद्धसेन दिवाकर (वि.श.7-8) द्वारा विरचित अध्यात्म भावना पूर्ण 32 श्लोक प्रमाण एक रचना। </li> | ||
<li> | <li>आचार्य अमितगति (ई.993-1016) द्वारा रचित समताभावोत्पादक 32 श्लोक प्रमाण सामायिक पाठ। </li> | ||
<li>श्वेतांबराचार्य हेमचंद्रसूरि (ई.1088-1173) कृत अयोग व्यवच्छेद नामक न्यायविषयक 32 श्लोक प्रमाण ग्रंथ, जिस पर स्याद्वादमंजरी नामक टीका उपलब्ध है। (देखें [[ उस उस आचार्य का नाम ]])। </li> | <li>श्वेतांबराचार्य हेमचंद्रसूरि (ई.1088-1173) कृत अयोग व्यवच्छेद नामक न्यायविषयक 32 श्लोक प्रमाण ग्रंथ, जिस पर स्याद्वादमंजरी नामक टीका उपलब्ध है। (देखें [[ उस उस आचार्य का नाम ]])। </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 12: | Line 12: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: द]] | [[Category: द]] | ||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 11:39, 14 August 2023
- श्वेतांबराचार्य सिद्धसेन दिवाकर (वि.श.7-8) द्वारा विरचित अध्यात्म भावना पूर्ण 32 श्लोक प्रमाण एक रचना।
- आचार्य अमितगति (ई.993-1016) द्वारा रचित समताभावोत्पादक 32 श्लोक प्रमाण सामायिक पाठ।
- श्वेतांबराचार्य हेमचंद्रसूरि (ई.1088-1173) कृत अयोग व्यवच्छेद नामक न्यायविषयक 32 श्लोक प्रमाण ग्रंथ, जिस पर स्याद्वादमंजरी नामक टीका उपलब्ध है। (देखें उस उस आचार्य का नाम )।