गजकुमार: Difference between revisions
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<span class="GRef">( हरिवंशपुराण/ सर्ग/ श्लोक</span><br><span class="HindiText">–वसुदेव का पुत्र तथा कृष्ण का छोटा भाई था (60/126)। एक ब्राह्मण की कन्या से संबंध जुड़ा ही था मध्य में ही दीक्षा धारण कर ली (61/4)। तब इनके ससुर ने इनके सर पर क्रोध से प्रेरित होकर आग जला दी। उस उपसर्ग को जीत मोक्ष को प्राप्त किया (61/5-7)।</span> | |||
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<span class="HindiText"> वसुदेव तथा देवकी से उत्पन्न, कृष्ण का अनुज । कृष्ण ने अनेक राजकुमारियों के अतिरिक्त सोमशर्मा ब्राह्मण की क्षत्रिय स्त्री से उत्पन्न सोमा नामक कन्या के साथ इसका विवाह कराया । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#126|हरिवंशपुराण - 60.126-128]] </span>यह तीर्थंकरों का चरित्र सुनकर संसार से विरक्त हो गया । अपनी पुत्री के त्याग से उत्पन्न क्रोधाग्निवश सोमशर्मा ने इसके सिर पर तीव्र अग्नि प्रज्वलित की थी, किंतु इस उपसर्ग को सहकर इसने शुक्लध्यान के द्वारा कर्मों का क्षय किया । यह अंतकृत्केवली होकर संसार से मुक्त हो गया ।</span> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_61#2|हरिवंशपुराण - 61.2-10]] </span> | |||
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सिद्धांतकोष से
( हरिवंशपुराण/ सर्ग/ श्लोक
–वसुदेव का पुत्र तथा कृष्ण का छोटा भाई था (60/126)। एक ब्राह्मण की कन्या से संबंध जुड़ा ही था मध्य में ही दीक्षा धारण कर ली (61/4)। तब इनके ससुर ने इनके सर पर क्रोध से प्रेरित होकर आग जला दी। उस उपसर्ग को जीत मोक्ष को प्राप्त किया (61/5-7)।
पुराणकोष से
वसुदेव तथा देवकी से उत्पन्न, कृष्ण का अनुज । कृष्ण ने अनेक राजकुमारियों के अतिरिक्त सोमशर्मा ब्राह्मण की क्षत्रिय स्त्री से उत्पन्न सोमा नामक कन्या के साथ इसका विवाह कराया । हरिवंशपुराण - 60.126-128 यह तीर्थंकरों का चरित्र सुनकर संसार से विरक्त हो गया । अपनी पुत्री के त्याग से उत्पन्न क्रोधाग्निवश सोमशर्मा ने इसके सिर पर तीव्र अग्नि प्रज्वलित की थी, किंतु इस उपसर्ग को सहकर इसने शुक्लध्यान के द्वारा कर्मों का क्षय किया । यह अंतकृत्केवली होकर संसार से मुक्त हो गया । हरिवंशपुराण - 61.2-10