ध्रौव्य: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) द्रव्य की तदवस्थ (स्थिर) पर्याय । <span class="GRef"> महापुराण 24.110 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 1.1 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) द्रव्य की तदवस्थ (स्थिर) पर्याय । <span class="GRef"> महापुराण 24.110 </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_1#1|हरिवंशपुराण - 1.1]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) शांडिल्य का गुरु इसके चार अन्य शिष्य थे― क्षीरकदंबक, वैन्य, उदंच और प्रावृत । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 23.134 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) शांडिल्य का गुरु इसके चार अन्य शिष्य थे― क्षीरकदंबक, वैन्य, उदंच और प्रावृत । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_23#134|हरिवंशपुराण - 23.134]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
(1) द्रव्य की तदवस्थ (स्थिर) पर्याय । महापुराण 24.110 हरिवंशपुराण - 1.1
(2) शांडिल्य का गुरु इसके चार अन्य शिष्य थे― क्षीरकदंबक, वैन्य, उदंच और प्रावृत । हरिवंशपुराण - 23.134